तुम...!
- RAJ KUMAR PAL
- May 16, 2020
- 1 min read
Updated: May 26, 2022
तुम...! वो ख्वाहिश हो मेरी;
जिसे पाने की आस है।
तुम...! वो चाहत हो मेरी;
जन्मों से जिसकी तलाश है।
तुम...! दूर होकर भी;
हर पल दिल के करीब हो।
तुम...! कोई कुछ भी कहे मगर;
तुम तो मेरा नसीब हो।
तुम...! जब मुस्काती हो;
सच कहता हूँ बहुत याद आती हो।
तुम...! दूर बैठी जब;
अपनी जुल्फें सँवारती हो ना जाने कैसे यादों में खो सी जाती हो।
तुम...! अगली बार जब;
आईने में निहारो तब अपनी झील सी गहरी आँखों में देखो।
तुम...! पाओगी;
पलकों की गहराई में कुछ अनसुलझे से सवाल हैं।
तुम...! देखोगी;
नयनों को भी किसी की तलाश है।
तुम...! कभी अपने दिल से पूछो...;
पूछो की वह कौन है...जिसका हर पल तुम्हे इंतजार है?
तुम...! मानो ना मानो;
यह वही है जिसे तुमसे प्यार है।
यह वही है जिसे तुमसे प्यार है...।
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